तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah): दिल्ली हाई कोर्ट ने अनधिकृत उपयोग पर लगाई रोक
लोकप्रिय सिटकॉम ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah)’ पिछले कुछ वर्षों में कई विवादों का केंद्र रहा है। अब, एक हालिया घटनाक्रम में, दिल्ली हाई कोर्ट ने शो के कंटेंट के अनधिकृत उपयोग के खिलाफ कड़ा आदेश जारी किया है। यह आदेश YouTube चैनलों, वेबसाइटों और सोशल मीडिया खातों को शो की बौद्धिक संपदा का उल्लंघन करने से रोकता है।
14 अगस्त को, दिल्ली हाई कोर्ट की जज मिणी पुष्कर्णा ने यह आदेश पारित किया। आदेश में अनधिकृत मर्चेंडाइज बिक्री, चरित्र की नकल, और AI द्वारा बनाई गई तस्वीरों, डीपफेक और एनिमेटेड वीडियो के निर्माण पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि आदेश का उल्लंघन करने वाले किसी भी पक्ष को, चाहे वह व्यक्ति, कंपनी, या अन्य संगठन हो, कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। कोर्ट के आदेश में यह भी कहा गया है कि किसी भी प्रकार की सामग्री, उत्पाद या सेवा जो कि शो के कॉपीराइट या पंजीकृत ट्रेडमार्क का उल्लंघन करती है, उसे किसी भी प्लेटफार्म पर होस्ट, स्ट्रीम, प्रसारित या प्रदर्शित नहीं किया जा सकता है।
तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) के प्रोडक्शन हाउस, नीला फिल्म प्रोडक्शंस ने कोर्ट को बताया कि उनके पास शो के शीर्षक, पात्रों, संवादों और अन्य बौद्धिक संपदा के अधिकार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई सोशल मीडिया अकाउंट्स, वेबसाइट्स और चैनल इन अधिकारों का उल्लंघन कर रहे थे, अनधिकृत उत्पाद बेच रहे थे, और यहां तक कि शो के पात्रों का उपयोग कर वीडियोज, एनिमेशन, डीपफेक और अश्लील सामग्री भी बना रहे थे। कोर्ट ने इस मामले में नीला फिल्म प्रोडक्शंस का पक्ष सही ठहराया और उन्हें राहत दी।
शो के निर्माता असित मोदी ने कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह आदेश उनके बौद्धिक संपदा की रक्षा करता है और शो से जुड़े सभी लोगों के मनोबल को बढ़ाता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले से यह साफ संदेश जाता है कि इस तरह के उल्लंघन अब बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
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